मेरा गाँव-घर | विद्यानिवास मिश्र | GARGI MANISH | Episode 004
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अपने घर आने की ये ललक हमेशा हमारे अंदर रहेगी। ललक केवल स्नेह पाने के लिए नहीं, ललक स्नेह देने के लिए, केवल अपने पहचान के लिए नहीं, बल्कि दूसरों की पहचान में अपनी पहचान समाहित करने के लिए....
कोरोना के इस महामारी के बीच पलायन के दर्द को सुनिए और महसूस कीजिये..
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© दो - घुमक्कड़
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