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Season 3 of the smash hit FX/Hulu show “The Bear” roared to life just days ago, but Will Poulter (the actor who plays fan-favorite Luca) and 2014 F&W Best New Chef Dave Beran had been prepping for weeks. Poulter — like his co-star Jeremy Allen White — staged with Beran at his Santa Monica restaurant Pasjoli to learn how to accurately portray a professional chef onscreen. The lessons went so well, Beran says he’d hire Poulter as a cook — even despite a messy mishap with a pastry bag. The two dished all about getting kitchen culture right on and offscreen, what it takes to be at the top of your craft, and the pure magic of a great restaurant service. Learn more about your ad choices. Visit podcastchoices.com/adchoices…
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In the world of search, Google is at the forefront of delivering results in the form of fresh content for people seeking answers. With thousands and even millions of search results, you may think that each question in the world can be supplied with the answer to satisfy it. क्वेश्चन हब क्या है (What is Question Hub in Hindi) Google ने Question Hub मुख्य्तोर से Content Writers या Bloggers के लिए बनाया है. इसका मुख्य उद्देश्य है की ये Bloggers के सामने उन questions को रखे जिनके जवाब users जानना चाहते हैं लेकिन वो अभी internet पर उपलब्ध नहीं है. इससे bloggers को ये समझने में आसानी होगी की आखिर में users क्या जानना चाहते हैं और इसलिए वो उसी topic पर अपना article लिखेंगे. यह Question Hub Tool एकदम से Free है. और इसे कोई भी blogger या content creator इस्तमाल कर सकता है लेकिन उससे पहले उनके पास एक हिंदी blog होना अनिवार्य है. वरना ये उनके कोई भी काम नहीं आ सकता है.इसे Google ने खासतोर से bloggers के लिए बनाया है. ऐसा इसलिए क्यूंकि Google के द्वारा research से ये बात पता चली है की हिंदी भाषा में content केवल 0.1% ही है जहाँ English में content करीब 50% हैं. ऐसे में भारत जैसे एक हिंदी भाषा वाले देश में हिंदी content की ज्यादा जरुरत है चूँकि यहाँ हिंदी पढने और समझने वाले users ज्यादा तादाद में हैं. वहीँ लोगों के सवालों का जवाब देने के लिए इतने content creators हैं ही नहीं और जो भी हैं वो ये नहीं जान पा रहे हैं की उन्हें आखिर में किस संधर्भ में article लिखना हैं. बस इसी परेशानी का एक बहुत ही बड़ा हल है Google Question Hub Tool, इसमें bloggers को ज्यादा पूछे जाने वाले सवालों के विषय में पता चल जाता है. जिससे की वो लोगों के सवालों के जवाब बेहतर ढंग से प्रदान कर सकें. Question Hub कैसे काम करता है? Question Hub का tool को बहुत ही simple बनाया गया है. इसकी UI (user interface) को भी बहुत ही सहज बनाया गया है. इसमें bloggers को users के उन सवालों के विषय में जानकारी प्राप्त होगी की जिनके विषय में पहले किसी ने उत्तर दिया ही नहीं है. आप लोगों ने भी ये जरुर महसुश किया होगा की जब आप कोई सवाल का जवाब ढूंडना चाहते हैं तब बहुत बार आपको आपके सवाल का सठिक जवाब नहीं मिल पाता है ऐसा इसलिए क्यूंकि किसी content creator ने कभी उस सवाल का कोई जवाब लिखा ही नहीं है या लिखने के वाबजूद उसे publish नहीं किया है. ख़ास इस प्रकार के परेशानियों को दूर करने के लिए Google ने Question Hub Tool का विकाश किया है, इससे publishers को उन सवालों के जवाब भी देने में आसानी होगी जिनके जवाब उन्हें पता तो होते हैं लेकिन उन्हें ये सवाल मिलते नहीं थे.
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In the world of search, Google is at the forefront of delivering results in the form of fresh content for people seeking answers. With thousands and even millions of search results, you may think that each question in the world can be supplied with the answer to satisfy it. क्वेश्चन हब क्या है (What is Question Hub in Hindi) Google ने Question Hub मुख्य्तोर से Content Writers या Bloggers के लिए बनाया है. इसका मुख्य उद्देश्य है की ये Bloggers के सामने उन questions को रखे जिनके जवाब users जानना चाहते हैं लेकिन वो अभी internet पर उपलब्ध नहीं है. इससे bloggers को ये समझने में आसानी होगी की आखिर में users क्या जानना चाहते हैं और इसलिए वो उसी topic पर अपना article लिखेंगे. यह Question Hub Tool एकदम से Free है. और इसे कोई भी blogger या content creator इस्तमाल कर सकता है लेकिन उससे पहले उनके पास एक हिंदी blog होना अनिवार्य है. वरना ये उनके कोई भी काम नहीं आ सकता है.इसे Google ने खासतोर से bloggers के लिए बनाया है. ऐसा इसलिए क्यूंकि Google के द्वारा research से ये बात पता चली है की हिंदी भाषा में content केवल 0.1% ही है जहाँ English में content करीब 50% हैं. ऐसे में भारत जैसे एक हिंदी भाषा वाले देश में हिंदी content की ज्यादा जरुरत है चूँकि यहाँ हिंदी पढने और समझने वाले users ज्यादा तादाद में हैं. वहीँ लोगों के सवालों का जवाब देने के लिए इतने content creators हैं ही नहीं और जो भी हैं वो ये नहीं जान पा रहे हैं की उन्हें आखिर में किस संधर्भ में article लिखना हैं. बस इसी परेशानी का एक बहुत ही बड़ा हल है Google Question Hub Tool, इसमें bloggers को ज्यादा पूछे जाने वाले सवालों के विषय में पता चल जाता है. जिससे की वो लोगों के सवालों के जवाब बेहतर ढंग से प्रदान कर सकें. Question Hub कैसे काम करता है? Question Hub का tool को बहुत ही simple बनाया गया है. इसकी UI (user interface) को भी बहुत ही सहज बनाया गया है. इसमें bloggers को users के उन सवालों के विषय में जानकारी प्राप्त होगी की जिनके विषय में पहले किसी ने उत्तर दिया ही नहीं है. आप लोगों ने भी ये जरुर महसुश किया होगा की जब आप कोई सवाल का जवाब ढूंडना चाहते हैं तब बहुत बार आपको आपके सवाल का सठिक जवाब नहीं मिल पाता है ऐसा इसलिए क्यूंकि किसी content creator ने कभी उस सवाल का कोई जवाब लिखा ही नहीं है या लिखने के वाबजूद उसे publish नहीं किया है. ख़ास इस प्रकार के परेशानियों को दूर करने के लिए Google ने Question Hub Tool का विकाश किया है, इससे publishers को उन सवालों के जवाब भी देने में आसानी होगी जिनके जवाब उन्हें पता तो होते हैं लेकिन उन्हें ये सवाल मिलते नहीं थे.
Ola की AI इकाई Krutrim ने Kruti लॉन्च किया है, जो भारत का पहला उपभोक्ता-केंद्रित एजेंटिक AI सहायक है। Kruti Agentic AI for consumers | Kruti AI Assistant: भारत का पहला एजेंटिक AI जो आपकी ज़िंदगी बदलेगा! | Nitish Verma यह AI सहायक जटिल, बहु-चरणीय कार्यों को संभालने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जैसे कि कैब बुक करना, भोजन ऑर्डर करना और बिलों का भुगतान करना। Kruti 13 से अधिक भारतीय भाषाओं का समर्थन करता है और आवाज़ और टेक्स्ट दोनों तरह के इनपुट को स्वीकार कर सकता है, जिससे यह भारत के विविध उपयोगकर्ता आधार के लिए सुलभ हो जाता है। कंपनी का लक्ष्य Kruti को Ola पारिस्थितिकी तंत्र से परे एकीकृत करना है, जिसमें Uber, Swiggy, और Blinkit जैसे प्रतिद्वंद्वी प्लेटफार्मों को शामिल करना है, जिससे यह ऐप के भीतर एक क्रॉस-प्लेटफॉर्म व्यक्तिगत सहायक बन सके। Krutrim भारत में अपने स्वयं के डेटा सेंटर और इन-हाउस सिलिकॉन चिप्स का निर्माण करके AI बुनियादी ढांचे में भी भारी निवेश कर रहा है, जो भारत में AI नवाचार को बढ़ावा देने के लिए उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। Kruti का बीटा संस्करण अब Google Play Store और Apple Store पर उपलब्ध है, और Krutrim डेवलपर्स के लिए एक SDK जारी करने की योजना बना रहा है, जिससे उन्हें अपने स्वयं के AI एजेंट बनाने की अनुमति मिलेगी।…
Unveiling the True Cost of an AI Query: Sam Altman Sheds Light on ChatGPT's Energy and Water Footprint ChatGPT कितनी ऊर्जा और पानी यूज करती है?सैम ऑल्टमैन ने बताया Nitish Verma Talk Show यह podcast चैटजीपीटी द्वारा खपत की गई ऊर्जा और पानी पर केंद्रित है, जिसमें OpenAI के सीईओ सैम ऑल्टमैन द्वारा प्रदान किए गए विशिष्ट अनुमानों पर प्रकाश डाला गया है। ऑल्टमैन का कहना है कि एक औसत चैटजीपीटी क्वेरी के लिए लगभग 0.000085 गैलन पानी और 0.34 वाट-घंटे बिजली की आवश्यकता होती है, जो इसे रोजमर्रा के घरेलू उपकरणों से जोड़ता है। हालाँकि, स्रोत AI की ऊर्जा लागतों पर बढ़ती चिंता को भी उजागर करते हैं, जिसमें 2025 तक बिटकॉइन खनन से अधिक खपत की भविष्यवाणी और कुछ शोधों के अनुसार प्रति क्वेरी उच्च अनुमानित पानी और ऊर्जा खपत शामिल है। कुल मिलाकर, लेख AI के पर्यावरणीय प्रभाव और प्रौद्योगिकी के भविष्य में ऊर्जा के महत्व पर व्यापक चर्चा करते हैं।…
Apple WWDC 2025: नया डिज़ाइन और AI अपडेट Apple WWDC 2025: लिक्विड ग्लास से AI तक - जानें क्या है खास Apple के वर्ल्डवाइड डेवलपर्स कॉन्फ्रेंस (WWDC) 2025 की मुख्य घोषणाओं पर चर्चा करते हैं। इनमें एक नए "लिक्विड ग्लास" डिज़ाइन पर जोर दिया गया है, जो Apple के सभी ऑपरेटिंग सिस्टमों में एक पारदर्शी और तरल उपयोगकर्ता इंटरफ़ेस प्रदान करता है। इन स्रोतों में Apple इंटेलिजेंस (AI) के लिए अपडेट की भी बात की गई है, जिसमें डिवाइस पर चलने वाली क्षमताएं, डेवलपर्स के लिए पहुंच, और रीयल-टाइम अनुवाद, विज़ुअल इंटेलिजेंस और रचनात्मक उपकरणों जैसी नई सुविधाएँ शामिल हैं। लेखों में iOS 26, iPadOS 26, macOS 26, watchOS 26, tvOS 26, और visionOS 26 सहित विभिन्न Apple ऑपरेटिंग सिस्टमों के लिए अपडेट का विवरण दिया गया है। कुल मिलाकर, स्रोत WWDC 2025 को Apple के लिए सॉफ्टवेयर सुधार, AI एकीकरण, और एक सुसंगत उपयोगकर्ता अनुभव पर केंद्रित एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में चित्रित करते हैं।…
Substack क्या है? कंटेंट क्रिएशन से कमाई का आसान तरीका Substack क्या है? कंटेंट क्रिएशन से कमाई का आसान तरीका | Nitish Verma Substack नामक एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के बारे में जानकारी देते हैं, जो रचनाकारों को अपना काम प्रकाशित करने और सीधे अपने पाठकों या श्रोताओं से पैसे कमाने की सुविधा देता है। ये स्रोत बताते हैं कि Substack मुख्य रूप से न्यूज़लेटर, पॉडकास्ट और वीडियो के माध्यम से सामग्री साझा करने पर केंद्रित है, जिसमें रचनाकारों को अपनी सामग्री और ग्राहकों की सूची पर पूरा नियंत्रण होता है। वे पारंपरिक विज्ञापन-आधारित मॉडलों के बजाय सब्सक्रिप्शन मॉडल के लाभों पर प्रकाश डालते हैं, जहाँ Substack राजस्व का 10% हिस्सा लेता है और रचनाकारों को उनकी कमाई का 90% हिस्सा मिलता है। इन अंशों में प्लेटफॉर्म पर शुरुआत करने की प्रक्रिया , विभिन्न प्रकार की सामग्री प्रकाशित करने की क्षमता , समुदाय बनाने की सुविधाएँ, और आय उत्पन्न करने की क्षमता पर चर्चा की गई है, जिसमें सफल रचनाकारों के उदाहरण भी शामिल हैं।…
Google SignGemma AI साइन लैंग्वेज को टेक्स्ट में बदलने की प्रक्रिया Google SignGemma: साइन लैंग्वेज को आसान बनाने वाला AI | Nitish Verma Google की नई SignGemma तकनीक के बारे में जानकारी देता है, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग करके साइन लैंग्वेज को समझने और अनुवाद करने के लिए डिज़ाइन की गई है। यह AI टेक्स्ट को साइन लैंग्वेज में (3D अवतार के माध्यम से) और साइन लैंग्वेज को टेक्स्ट या बोली में बदल सकता है, जिससे श्रवण बाधित समुदाय के लिए संचार आसान हो जाता है। लेख बताता है कि यह तकनीक डिवाइस पर ही काम करती है, जिससे यह तेज और सुरक्षित है, और यह ASL से अंग्रेजी में अनुवाद करने में कुशल है। यह SignGemma के लाभों पर प्रकाश डालता है, जिसमें आसान संचार , पहुंच , और समावेशिता शामिल हैं, और बताता है कि यह कंप्यूटर विज़न और नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग का उपयोग करके हाथों और चेहरे के हाव-भाव को कैसे समझता है। हालांकि यह अभी विकास के चरण में है, Google का लक्ष्य इसे भविष्य में और अधिक साइन लैंग्वेज और अनुप्रयोगों में शामिल करना है।…
ओपेरा नियोन: नया AI ब्राउज़र (Opera Neon browser launches with built-in AI ) Opera Neon AI Browser: एक नया AI-संचालित ब्राउज़र ओपेरा नियोन एआई ब्राउज़र का परिचय देता है, जो एक एआई-संचालित ब्राउज़र है जो केवल वेब ब्राउज़ करने से कहीं अधिक काम कर सकता है। इसे एक एजेंटिक ब्राउज़र के रूप में वर्णित किया गया है जो मानव निर्देशों को समझकर कार्यों को स्वचालित करता है , जैसे कि वेबसाइट बनाना या ऑनलाइन खरीदारी करना। इसमें चैट विद नियोन नामक एक विशेष चैटबॉट और डू विद नियोन सुविधाएँ शामिल हैं जो वेब पर स्वचालित कार्य कर सकती हैं। नियोन की एक महत्वपूर्ण विशेषता मेक विद नियोन है, जो उपयोगकर्ताओं को गेम, वेबसाइट, कोड स्निपेट्स और रिपोर्ट बनाने की अनुमति देती है, यहाँ तक कि इंटरनेट कनेक्शन के बिना भी। लेख बताता है कि नियोन आपके डिवाइस पर और क्लाउड में AI का उपयोग करता है और आपकी गोपनीयता को प्राथमिकता देता है क्योंकि संवेदनशील जानकारी स्थानीय रूप से रहती है। ओपेरा नियोन फिलहाल आमंत्रण-आधारित है और इसे वेब 4o के भविष्य का हिस्सा माना जाता है।…
Starlink India Launch Date, Price, Plans, Speed, Availability and More Starlink India Launch Date, Price, Plans, Speed, Availability And More | Nitish Verma स्रोतों से पता चलता है कि एलन मस्क का स्टारलिंक भारत में उपग्रह-आधारित इंटरनेट सेवा लॉन्च करने की तैयारी में है। कंपनी को दूरसंचार विभाग से आशय पत्र मिल चुका है, जो एक प्रमुख विनियामक बाधा को दूर करता है। प्रारंभिक लॉन्च चुनिंदा शहरी क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा, जिसमें लगभग 600-700 Gbps की कुल बैंडविड्थ होगी और यह लगभग 30,000 से 50,000 उपयोगकर्ताओं को सेवा प्रदान करेगा। 2027 तक, स्टारलिंक का लक्ष्य अपनी क्षमता को 3 Tbps तक बढ़ाना है ताकि पूरे देश में लाखों उपयोगकर्ताओं को सेवा दी जा सके, जिसमें विशेष रूप से ग्रामीण और कम सेवा वाले क्षेत्र शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, मासिक योजनाओं की शुरुआत लगभग $10 (लगभग 850 रुपये) से हो सकती है, जो हार्डवेयर लागत के अतिरिक्त होगी, और कंपनी शुरुआती उपयोगकर्ताओं को आकर्षित करने के लिए असीमित डेटा के साथ प्रचार प्रस्ताव भी दे सकती है। हालांकि, उच्च परिचालन लागत और विनियामक अनुमोदन प्रक्रियाएं संभावित चुनौतियां बनी हुई हैं।…
Google Project Greenlight AI कैसे Traffic Emission कम करता है? https://www.nitishverma.com/google-project-greenlight/ यह आलेख Google के प्रोजेक्ट ग्रीन लाइट पर केंद्रित है, जो एक ऐसी पहल है जो AI और गूगल मैप्स डेटा का उपयोग करके ट्रैफिक लाइट के समय को अनुकूलित करती है। इसका मुख्य लक्ष्य शहरों में ट्रैफिक जाम और प्रदूषण को कम करना है। यह परियोजना दर्शाती है कि कैसे AI वाहनों के रुकने की आवृत्ति को कम करके ईंधन बचाने और वायु गुणवत्ता में सुधार करने में मदद कर सकता है, और बताता है कि कैसे यह सिस्टम काम करता है, इसके फायदे क्या हैं, और यह वर्तमान में किन शहरों में लागू किया गया है। साथ ही, यह परियोजना को अपनाने में आने वाली चुनौतियों और भविष्य की संभावनाओं पर भी प्रकाश डालता है, और अन्य AI-आधारित ट्रैफिक प्रबंधन प्रणालियों से इसकी तुलना करता है।…
AI Agents क्या हैं? भारत में AI एजेंट्स: उपयोग और संभावनाएँ AI Agents क्या हैं? विशेषताएँ, प्रकार, उपयोग और भारत में संभावनाएँ | Nitish Verma AI एजेंट्स की अवधारणा को स्पष्ट करते हैं, बताते हैं कि वे सॉफ्टवेयर सिस्टम हैं जो डेटा का उपयोग करके स्वायत्त रूप से कार्य करते हैं और लक्ष्यों को प्राप्त करते हैं। वे एजेंट्स के प्रमुख सिद्धांतों, जैसे तर्क और निर्णय लेने की क्षमता पर प्रकाश डालते हैं। स्रोत विभिन्न प्रकार के AI एजेंट्स (जैसे सिंपल रिफ्लेक्स और लर्निंग एजेंट्स) और उनके वास्तविक दुनिया में उपयोग के उदाहरण प्रदान करते हैं। इसके अतिरिक्त, वे AI एजेंट्स के लाभों , जैसे उत्पादकता में वृद्धि और लागत में कमी, के साथ-साथ डेटा गोपनीयता और नैतिक चुनौतियों जैसे नुकसानों पर भी चर्चा करते हैं। विशेष रूप से, एक स्रोत भारत में AI एजेंट्स के बढ़ते बाजार और विभिन्न क्षेत्रों में उनके अनुप्रयोगों को भी दर्शाता है, सरकारी पहलों और स्टार्टअप्स पर जोर देते हुए।…
Anthropic द्वारा विकसित Claude Opus 4 और Claude Sonnet 4 नामक नए AI मॉडल Amazon Bedrock पर उपलब्ध हैं। https://www.nitishverma.com/claude-4-models-ai-revolution-amazon-bedrock/ Table of Contents Claude 4 Models क्या हैं और ये इतने खास क्यों हैं? इन मॉडल्स से आपको क्या-क्या फायदा होगा? Claude 4 Models में क्या-क्या नया है? टेस्ट में प्रदर्शन: Claude 4 मॉडल्स ने मारी बाजी! असल ज़िंदगी में इन मॉडल्स का इस्तेमाल कैसे हो रहा है? Anthropic ने Claude 4 के बारे में क्या कहा? भविष्य में क्या होने वाला है? ये मॉडल अपनी तेज़ प्रतिक्रियाओं और गहरी सोच की क्षमताओं के लिए जाने जाते हैं, जो उन्हें कोडिंग, जटिल समस्याओं को सुलझाने और बहु-चरणीय कार्यों को संभालने में कुशल बनाते हैं। वे घंटों का काम मिनटों में पूरा करने में सक्षम "Agentic AI" की शुरुआत का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन मॉडलों का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जा रहा है, जैसे वित्तीय सेवाएं, मार्केटिंग और यात्रा, सटीकता और दक्षता में सुधार।…
Google Jules: आपका AI Coding Assistant जो बनाएगा डेवलपमेंट को तेज़ और आसान https://www.nitishverma.com/google-jules-ai-coding-assistant/ Google ने जूल्स नामक एक मुफ्त AI कोडिंग एजेंट जारी किया है। डेविन जैसे महंगे उपकरणों के विपरीत, जूल्स GitHub रिपॉजिटरी के साथ एकीकृत होता है और पृष्ठभूमि में कोड परिवर्तन करने और कार्य पूरा करने के लिए निर्देश प्राप्त करता है। उपयोगकर्ता बस GitHub खाते को लिंक करते हैं , रिपॉजिटरी तक पहुंच प्रदान करते हैं, और कार्य सौंपते हैं , और जूल्स स्वचालित रूप से कोडबेस का विश्लेषण करता है, एक कार्य योजना बनाता है, और परिवर्तन लागू करता है । जूल्स एक नई शाखा बनाकर मूल कोड की सुरक्षा करता है जहाँ वह परिवर्तन करता है , जिससे यह उत्पादकता बढ़ाने और छोटे कोडिंग कार्यों को संभालने के लिए एक उपयोगी उपकरण बन जाता है।…
Glance AI Virtual Try On: वर्चुअल ट्राई-ऑन और पर्सनलाइज्ड स्टाइल के साथ ऑनलाइन शॉपिंग में क्रांति ला रहा है! Glance AI Virtual Try On: वर्चुअल ट्राई-ऑन और पर्सनलाइज्ड स्टाइल के साथ ऑनलाइन शॉपिंग में क्रांति ला रहा है! | Nitish Verma Glance AI Virtual Try On नामक एक नए ऐप पर केंद्रित है। यह लेख बताता है कि यह ऐप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके ऑनलाइन शॉपिंग को कैसे बदल रहा है, खासकर वर्चुअल ट्राई-ऑन (VTO) सुविधा पर जोर देते हुए। यह बताता है कि कैसे उपयोगकर्ता सेल्फी का उपयोग करके कपड़ों को वर्चुअली आज़मा सकते हैं, व्यक्तिगत सुझाव प्राप्त कर सकते हैं, और प्रेरणा-आधारित तरीके से खरीदारी कर सकते हैं, जो पारंपरिक ब्राउज़िंग और फ़िल्टरिंग से अलग है। लेख यह भी बताता है कि VTO कैसे काम करता है और भविष्य में इसका उपयोग फैशन और अन्य क्षेत्रों में कैसे विस्तारित हो सकता है, तथा Glance AI के उपयोग के तरीके और इसके भविष्य के विस्तार की योजनाओं का भी वर्णन करता है।…
गूगल ने Google I/O 2025 में 'स्टिच' नामक एक नई AI-संचालित टूल पेश की है। यह टूल नेचुरल लैंग्वेज या इमेज प्रॉम्प्ट का उपयोग करके ऐप डिजाइन और डेवलपमेंट को सरल बनाने के लिए बनाई गई है। स्टिच UI डिजाइन और फ्रंटएंड कोड बना सकती है , जिससे उपयोगकर्ता तेजी से प्रोटोटाइप बना सकते हैं और इंटरफ़ेस को बेहतर बना सकते हैं। यह डिजाइन को फिग्मा में एक्सपोर्ट करने या IDE में कोड को परिष्कृत करने का विकल्प भी प्रदान करती है , जिससे क्रिएटर्स के लिए दक्षता और पहुंच बढ़ जाती है। https://www.nitishverma.com/google-stitch/…
नमस्ते! Welcome To Nitish Verma Talk Show Podcast. Google I/O 2025 टेक जगत के लिए AI के क्षेत्र में कई बड़े अपडेट लेकर आया था, जो 20-21 मई 2025 को हुआ। Google के CEO सुंदर पिचाई ने साफ कहा कि AI अब Google का आधार है और इसे हर जगह, हर डिवाइस में उपलब्ध कराया जाएगा। Google I/O 2025 Hindi Keynote and Announcement | Nitish Verma Google I/O 2025 की मुख्य बातें: 1. AI में बड़ी तरक्की: जेमिनी 2.5: Google का AI मॉडल जेमिनी अब और स्मार्ट हो गया है। इसमें डीप थिंक मोड (गहराई से सोचने की क्षमता), इंसानों जैसी आवाज़ में बात करने की क्षमता (नेटिव ऑडियो आउटपुट), और डेवलपर्स के लिए थिंकिंग बजट (AI को कितना सोचना है, यह तय करने की सुविधा) जैसे फ़ीचर शामिल हैं। जेमिनी फ्लैश 2.5: यह जेमिनी का किफ़ायती और तेज़ वर्ज़न है, जो मल्टीमोडैलिटी और कोड को बेहतर समझता है। जेमिनी डिफ्यूजन: टेक्स्ट से इमेज बनाने वाला यह मॉडल 5 गुना ज़्यादा तेज़ है। प्रोजेक्ट एस्ट्रा: यह Google का हर जगह काम आने वाला AI असिस्टेंट है, जो अब जेमिनी लाइव के साथ मिलकर कैमरे और स्क्रीन शेयरिंग से रियल-टाइम में मदद कर सकता है। प्रोजेक्ट मैरिनर: यह एक 'एजेंटिक AI' है जो ब्राउज़र पर आपके लिए कई काम अपने आप कर सकता है (जैसे फ्लाइट बुक करना), और यह अब 'सीखाओ और दोहराओ' फ़ंक्शन के साथ आता है। 2. गूगल के प्रोडक्ट्स और सेवाओं में AI: गूगल सर्च AI मोड: सर्च को पूरी तरह बदल दिया गया है, जिसमें नया AI मोड टैब, डीप सर्च , लाइव विजुअल क्वेरीज़ (कैमरे से पूछकर जानकारी पाना), और AI-पावर्ड शॉपिंग (वर्चुअल ट्राई-ऑन के साथ) शामिल हैं। AI ओवरव्यूज़ अब 200 से ज़्यादा देशों और 40 से ज़्यादा भाषाओं में उपलब्ध हैं। जेनेरेटिव मीडिया: AI से वीडियो (वीओ 3, अब ऑडियो के साथ) और इमेज (इमैजिन 4, बेहतर लिखावट के साथ) बनाने वाले नए टूल लॉन्च किए गए हैं। फ्लो नामक एक नया AI टूल फिल्म बनाने वालों के लिए है। गूगल बीम: यह 3D वीडियो बातचीत का प्लेटफ़ॉर्म है (जो पहले प्रोजेक्ट स्टारलाइन था), जो HP के साथ साझेदारी में आ रहा है। जेमिनी का विस्तार: जेमिनी AI अब कारों, टीवी (गूगल टीवी) और हेडसेट/स्मार्ट ग्लास में भी आ रहा है। अन्य ऐप्स में AI: जीमेल में स्मार्ट रिप्लाई और Google के अन्य ऐप्स (Docs, Sheets, Slides) में भी AI को गहराई से जोड़ा गया है। जेमिनी अब Google Drive और Gmail से भी आपकी निजी जानकारी का इस्तेमाल करके ज़्यादा बेहतर जवाब देगा (आपकी अनुमति से)। जेमिनी इन क्रोम: ब्राउज़र में AI असिस्टेंट के रूप में काम करेगा। गूगल मीट में स्पीच ट्रांसलेशन: अब Google Meet में रियल-टाइम स्पीच ट्रांसलेशन (फिलहाल इंग्लिश और स्पेनिश में) उपलब्ध है। 3. हार्डवेयर और डिवाइस: एंड्रॉइड XR: यह VR/AR डिवाइस (स्मार्ट ग्लास और हेडसेट) के लिए Google का नया प्लेटफॉर्म है, जिसमें जेमिनी AI होगा। सैमसंग, जेंटल मॉन्स्टर और वारबी पार्कर जैसी कंपनियाँ इसमें पार्टनर हैं। वियर OS 6: स्मार्टवॉच के ऑपरेटिंग सिस्टम में सुधार किया गया है, जो नया यूज़र इंटरफ़ेस के साथ जुलाई 2025 में सैमसंग गैलेक्सी वॉच 8 सीरीज़ के साथ आने की उम्मीद है। 4. डेवलपर्स के लिए टूल्स: एंड्रॉइड स्टूडियो में AI: ऐप बनाने के लिए जेमिनी AI को एंड्रॉइड स्टूडियो में इंटीग्रेट किया गया है, जो डेवलपर्स को कोड लिखने और UI बदलने में मदद करेगा। फायरबेस AI लॉजिक: डेवलपर्स अब अपने ऐप्स में आसानी से AI सुविधाएँ जोड़ सकते हैं। एंड्रॉइड XR एमुलेटर: डेवलपर्स अब एंड्रॉइड स्टूडियो के अंदर XR ऐप्स को टेस्ट कर सकते हैं। 5. AI सब्सक्रिप्शन प्लान: गूगल AI प्रो: $19.99/माह (भारत में ₹1,950) में ज़्यादा AI सुविधाएँ। गूगल AI अल्ट्रा: $249.99/माह (लगभग ₹21,000) में Google की सबसे शक्तिशाली AI क्षमताओं और प्रीमियम सुविधाओं तक पहुँच। Google I/O 2025 ने साफ कर दिया कि कंपनी AI को हर जगह और हर किसी के लिए उपलब्ध कराने पर बहुत ध्यान केंद्रित कर रही है।…
Airtel AI-Powered Spam Detection & Fraud Detection System Airtel AI-Powered Spam Detection System Airtel AI-Powered Fraud Detection एयरटेल ने हाल ही में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर आधारित दो नई सुरक्षा प्रणालियाँ लॉन्च की हैं। पहली प्रणाली, सितंबर 2024 में पेश की गई, स्पैम कॉल्स और मैसेज का पता लगाती है और उन्हें ब्लॉक करती है। दूसरी और अधिक उन्नत प्रणाली, मई 2025 में शुरू की गई, ईमेल, मैसेजिंग ऐप्स (जैसे व्हाट्सएप), और वेब ब्राउज़िंग सहित विभिन्न डिजिटल प्लेटफार्मों पर दुर्भावनापूर्ण वेबसाइटों और लिंक को ब्लॉक करती है। दोनों प्रणालियाँ निःशुल्क हैं और एयरटेल के नेटवर्क में स्वचालित रूप से एकीकृत हैं, जो सभी एयरटेल मोबाइल और ब्रॉडबैंड उपयोगकर्ताओं को सुरक्षा प्रदान करती हैं। एयरटेल इन AI समाधानों को ऑनलाइन धोखाधड़ी और साइबर खतरों से निपटने के एक सक्रिय उपाय के रूप में देखता है।…
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